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Sunday, July 22, 2012

The Importance of Sawan month for Shiv Jee | OM NAMAH SIVAYE




हिन्दू कैलेण्डर के बारह मासों में से सावन का महीना अपनी विशेष पहचान रखता है. इस माह में चारों ओर हरियाली छाई रहती है. ऎसा लगता है मानों प्रकृति में एक नई जान आ गई है. वेदों में मानव तथा प्रकृति का बडा़ ही गहरा संबंध बताया गया है. वेदों में लिखी बातों का अर्थ है कि बारिश में ब्राह्मण वेद पाठ तथा धर्म ग्रंथों का अध्ययन करते हैं. इन मंत्रों को पढ़ने से व्यक्ति को सुख तथा शांति मिलती है. सावन में बारिश होती है. इस बारिश में अनेक प्रकार के जीव-जंतु बाहर निकलकर आते हैं. यह सभी जन्तु विभिन्न प्रकार की आवाजें निकालते हैं. उस समय वातावरण ऎसा लगता है कि जैसे किसी ने अपना मौन व्रत तोड़कर अभी बोलना आरम्भ किया हो.
जीव-जन्तुओं की भाषा का वर्णन इस प्रकार किया गया है कि जिस प्रकार बारिश होने पर जीव-जन्तु बोलने लगते हैं उसी प्रकार व्यक्ति को सावन के महीने से शुरु होने वाले चौमासों(चार मास) में ईश्वर की भक्ति के लिए धर्म ग्रंथों का पाठ सुनना चाहिए. धर्मिक दृष्टि से समस्त प्रकृति ही शिव का रुप है. इस कारण प्रकृति की पूजा के रुप में इस माह में शिव की पूजा विशेष रुप से की जाती है. सावन के महीने में वर्षा अत्यधिक होती है. इस माह में चारों ओर जल की मात्रा अधिक होने से शिव का जलाभिषेक किया जाता है.

शिव पूजन क्यों किया जाता है | Why Shiv Pujan is Done

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से विष निकला था. इस विष को पीने के लिए शिव भगवान आगे आए और उन्होंने विषपान कर लिया. जिस माह में शिवजी ने विष पिया था वह सावन का माह था. विष पीने के बाद शिवजी के तन में ताप बढ़ गया. सभी देवी - देवताओं और शिव के भक्तों ने उनको शीतलता प्रदान की लेकिन शिवजी भगवान को शीतलता नहीं मिली. शीतलता पाने के लिए भोलेनाथ ने चन्द्रमा को अपने सिर पर धारण किया. इससे उन्हें शीतलता मिल गई.

ऎसी मान्यता भी है कि शिवजी के विषपान से उत्पन्न ताप को शीतलता प्रदान करने के लिए मेघराज इन्द्र ने भी बहुत वर्षा की थी. इससे भगवान शिव को बहुत शांति मिली. इसी घटना के बाद सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है. सारा सावन, विशेष रुप से सोमवार को, भगवान शिव को जल अर्पित किया जाता है. महाशिवरात्रि के बाद पूरे वर्ष में यह दूसरा अवसर होता है जब भग्वान शिव की पूजा बडे़ ही धूमधाम से मनाई जाती है.

सावन माह की विशेषता | Speciality of Shravan Month

हिन्दु धर्म के अनुसार सावन के पूरे माह में भगवान शंकर का पूजन किया जाता है. इस माह को भोलेनाथ का माह माना जाता है. भगवान शिव का माह मानने के पीछे एक पौराणिक कथा है. इस कथा के अनुसार देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से अपने शरीर का त्याग कर दिया था. अपने शरीर का त्याग करने से पूर्व देवी ने महादेव को हर जन्म में पति के रुप में पाने का प्रण किया था.
अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमालय और रानी मैना के घर में जन्म लिया. इस जन्म में देवी पार्वती ने युवावस्था में सावन के माह में निराहार रहकर कठोर व्रत किया. यह व्रत उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किए. भगवान शिव पार्वती से प्रसन्न हुए और बाद में यह व्रत सावन के माह में विशेष रुप से रखे जाने लगे.




Source: http://astrobix.com/jyotisha/post/sawan-month-importance-sawan-month-why-shiva-puja-done.aspx

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